योग करने का यूं तो एक पारंपरिक तरीका है लेकिन बदलते वक़्त के साथ इस तरीके में बदलाव आए हैं.
अब योग सिर्फ़ एक कोने में, अकेले बैठ कर नहीं बल्कि आप अपने जीवनसाथी, डांस पार्टनर यहां तक कि अपने पालतू जानवर के साथ भी कर सकते हैं.
बीबीसी ने नज़र डाली योग करने के ऐसे ही कुछ नए और अनूठे तरीकों पर.
डोगा
वैसे तो डोगा एक लोकप्रिय हिंदी कॉमिक किरदार का नाम है लेकिन इसी नाम से एक योग शैली भी विकसित की गई है.
‘डोगा’ यानि डॉग के साथ योग, जिसमें आप अपने पालतू कुत्ते के साथ योग कर सकते हैं.
आमतौर पर लोग पालतू कुत्तों के साथ जॉगिंग या रनिंग करते हैं जिसमें जानवर को भी काफ़ी थकान होती है लेकिन डोगा इसका उलट है.
योग गुरु नेहा बताती हैं, “डोगा का यह मतलब नहीं कि कुत्ते योग करते हैं बल्कि हम जो आसन करते हैं वो कुत्ते के साथ करते हैं और ये क्रिया इसलिए की जाती हैं कि इंसान और जानवरों के बीच का रिश्ता मजबूत हो.”
नेहा के मुताबिक अगर आप कुत्ते के साथ ग्राउंड या उनके लेवल पर उनके साथ बैठते हैं तो वो आपमें ज़्यादा रूचि लेते हैं और मालिक के इस व्यवहार पर वो गर्व महसूस करते हैं और जब आप उसके सामने योग करते हो तो वो भी आपकी नक़ल करता है.
फ़ेस योग
योगा एक्सपर्ट आचार्य नीरज कहते हैं कि बढ़ती उम्र का असर सबसे पहले चेहरे पर दिखता है और ऐसे में ‘फ़ेस योग’ आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होता है.
फ़ेस योग के बारे में कुछ खास बातें बताते हुए आचार्य नीरज कहते हैं, “किसी का चेहरा बेहद मोटा है या किसी की आँखों की रोशनी कम है या किसी को नाक-कान से जुड़ी समस्या है तो फ़ेस योगा किया जा सकता है.”
आचार्य नीरज कहते हैं कि साधारण तरीके से आसन करते वक्त हम कंधों से नीचे वाले शरीर पर ज़्यादा मेहनत करते हैं लेकिन चेहरे के लिए कुछ नहीं करते लेकिन फ़ेस योग के ज़रिए हम अपने चेहरे की काया बदलने की कोशिश करते हैं.
मसलन काली मुद्रा के लिए अपनी जीभ को सुविधानुसार बाहर निकाल दें और उसी मुद्रा में 30 सेकंड तक रहें.
आंखों की एक्सरसाइज के लिए चेहरा सामान्य रखते हुए आंखों की पुतलियों को दाएं और फिर बाएं घुमाने के बाद 30-30 सेकंड तक पुतलियों को स्थिर रखें. फिर ऊपर-नीचे और फिर गोल-गोल घुमाएं. इसे डांसिंग आई बॉल योग कह सकते हैं.
आचार्य नीरज के मुताबिक गालों को अंदर भींचकर चेहरे को मछलीनुमा बनाने से भी गालों पर जमी वसा कम होती है और आप इसे फिश फ़ेस योगा कह सकते हैं.
लाफ़्टर योगा
योग गुरु इस शैली को तनाव, डिप्रेशन और परेशानी से जूझ रहे लोगों के लिए कारगर मानते हैं.
लाफ़्टर योगा यानि हंसकर किया जाने वाला योगा जिसमें आपको कृत्रिम नहीं बल्कि स्वाभाविक तौर पर हंसाया जाता है.
आचार्य नीरज के अनुसार इस योग से मस्तिष्क की कोशिकाओं में एंडोरफ़िन नामक रसायन उत्पन्न होता है जो हमारा मूड बदल देता है.